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टर्बोचार्जर कैसे काम करता है?

दोस्तों यहां आप जानेंगे टर्बोचार्जर कैसे काम करता है. टर्बोचार्जर कैसे काम करता है. इससे जानने से पहले से पहले हमे पता होना चाहिए की ये गाड़ी में

दोस्तों यहां आप जानेंगे टर्बोचार्जर कैसे काम करता है. टर्बोचार्जर कैसे काम करता है. इससे जानने से पहले से पहले हमे पता होना चाहिए की ये गाड़ी में किस जगह पर होता है.

टर्बोचार्जर कार के इंजन और सैलेंसर के बिच में लगा होता है. जिसमें इंजन से निकल रहे एक्सहॉस्ट एयर को गुजारा जाता है. और इस एक्सोस्ट एयर से ऐसा क्या होता है. और आपकी गाड़ी की परफॉरमेंस कैसे बढ़ाती है.

इंजन के सिलेंडर से बाहर  आने वाली एक्सहोस्ट हवा को कंप्रेस करना टर्बोचार्जर का काम है. जब वायु को कंप्रेस किया जाता है तो ऑक्सीजन के अणु आपस में सघन हो जाते हैं. हवा में इस वृद्धि का मतलब है कि समान आकार के स्वाभाविक रूप से एस्पिरेटेड इंजन में  ज्यादा ईंधन जोड़ा जा सकता है. यह तब बढ़ी हुई यांत्रिक शक्ति और दहन प्रक्रिया की दक्षता में सुधार करता है. इसलिए, टर्बोचार्ज्ड इंजन के लिए इंजन के आकार को कम किया जा सकता है जिससे बेहतर पैकेजिंग, वजन बचाने के लाभ है.

टर्बोचार्जर कैसे काम करता है? -


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एक टर्बोचार्जर दो मुख्य हिस्सों से बना होता है: टरबाइन और कंप्रेसर. टरबाइन में टरबाइन व्हील (1) और टरबाइन हाउसिंग (2) होते हैं. टर्बाइन हाउसिंग का काम एग्जॉस्ट गैस (3) को टरबाइन व्हील में गाइड करना है. निकास गैस से ऊर्जा टरबाइन व्हील को घुमाती है, और गैस तब निकास आउटलेट क्षेत्र (4) के माध्यम से टरबाइन हाउसिंग से बाहर निकलती है.


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